Apreshit Patra (Unposted Letter) – Hindi [PDF]

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Apreshit Patra (Unposted Letter in Hindi) (Hindi) - Mahatria Ra - Book PDF  Free

PDF Title : Unposted Letter
Hindi Title : Apreshit Patra
Total Page : 131 Pages
Author: Mahātria Rā
PDF Size : 2.7 MB
Language : Hindi
Source : infinitheism.com
PDF Link : Available

Summary
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Apreshit Patra (Unposted Letter) – Hindi

यह विचार किए बिना कि कल आपके साथ क्या हुआ था, यह विचार किए बिना कि आपने संसार के साथ क्या किया या यह कि संसार ने आपके साथ क्या किया – ऐसी कोई भी बात सोचे बिना, हर सुबह आपको इस संसार पर फिर से विश्वास करते हुए उठना होगा।

मैं जानता हूँ कि यह कहना तो आसान है पर करना मुश्किल, लेकिन आपके पास और कोई चारा भी तो नहीं है – कोई दूसरा हल है ही नहीं – क्योंकि आपकी शांति इसी विश्वास के साथ घनिष्ठता से जुड़ी हुई है। इसके बिना कोई शांति हो ही नहीं सकती। अविश्वास आपको परेशान रख सकता है।

आपने हज़ारों बार सार्वजनिक वाहन से यात्रा की है, लेकिन आपकी जेब शायद एक या दो बार ही कटी होगी। जब आप संसार पर विश्वास नहीं करते हैं और थोड़ी-थोड़ी देर में टटोलकर देखते रहते हैं कि आपकी जेब सही-सलामत है या नहीं, कोई न कोई शातिर जेबकतरा कभी न कभी आपको मात दे जाएगा और आपकी जेब पर हाथ साफ़ कर ही जाएगा।

लेकिन यदि आप शांत रहते तो आप शांति के हज़ारों पल नहीं गँवाते। जो आँखें हर सहयात्री को चोर समझती हैं, वे आपकी शांति पर डाका डालती रहती हैं, जबकि संसार पर विश्वास रखने से आपकी हर यात्रा एक शांतिपूर्ण यात्रा साबित होती है। बुद्धिमान बनें, बुद्धिहीन नहीं।

हो सकता है कि एक नाथूराम गोडसे अपने काम में सफल हो गया हो, लेकिन हर एक को संभावित गोडसे के रूप में संदेह से देखना आपको लाखों गांधीवादी जनों से वंचित कर जाएगा। यह समय और मेहनत की बर्बादी है। हर किसी पर ओसामा जैसा संदेह करने पर आप हर नेक दिल पर संदेह कर रहे होंगे। यह समय और मेहनत की बर्बादी है।

Apreshit Patra (Unposted Letter) – Hindi PDF


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